Surprise Me!

स्वयं की याद ही अहंकार है || आचार्य प्रशांत, अपरोक्षानुभूति पर (2018)

2019-11-24 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />१९ अप्रैल, २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />अहंशब्देन विख्यात एक एव स्थितः परः।<br />स्थूलस्त्वनेकतां प्राप्तः कथं स्याद्देहकः पुमान्॥ ३१॥<br /><br />भावार्थ: अहम् शब्द से प्रसिद्ध परमात्मा एकमात्र स्थित है अर्थात् वह अनेक तत्वों का संघात नहीं है। फिर जो स्थूल है और अनेक भावों को प्राप्त हो रहा है, वह देह पुरुष कैसे हो सकता है?<br /><br />~ अपरोक्षानुभूति<br /><br />अहंकार को कैसे मिटाएँ?<br />अपरोक्षानुभूति को कैसे समझें?<br />अहंकार स्वयं को महत्वपूर्ण क्यों समझता है?<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

Buy Now on CodeCanyon